देवबंद. दारुल उलूम देवबंद ने एक और नया फतवा जारी किया है। इस फतवे में दारुल उलूम ने कहा है कि इस्लाम मे बिना जरूरत सीसीटीवी कैमरा लगाना नाजायज है। दरअसल, महाराष्ट्र निवासी अब्दुल माजिद ने दारुल उलूम के इफ्ता विभाग से सवाल कर पूछा था कि क्या भीड़ वाले क्षेत्र में अपने मकान व दुकान पर सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगाए जा सकते हैं? इस पर दारुल उलूम के मुफ्ती महमूद हसन, मुफ्ती हबीबुर्रहमान और मुफ्ती वक्कार अली ने जवाब देते हुए फतवा जारी कर कहा कि मकान व दुकान की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के अलावा कई दूसरे जायज तरीके इस्तेमाल किए जा सकते हैं। क्योकि सीसीटीवी कैमरे लगाने से तस्वीरें कैद होती हैं और इस्लाम धर्म में बिना जरूरत तस्वीरें खिचवाना सख्त मना है। इसलिए ये पूरी तरह नाजायज काम है।
वहीं, देवबंद उलेमा मुफ्ती अहमद गोड ने फतवे का समर्थन करते हुए कहा कि दारुल उलूम का फतवा बिल्कुल सही है। वह कहते हैं कि सीसीटीवी कैमरे को लेकर दारुल उलूम के फतवे के मायने ये हैं कि आप अपने घर की हिफाजत के लिए कुछ अलग कर सकते हैं, दुकान की हिफाजत भी इसी प्रकार कर सकते हैं। लेकिन, आपको किसी को ऐसी जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने की जरूरत नहीं है। जहां किसी को परेशानी हो। उन्होंने आगे कहा कि दारुल उलूम ने जो फतवा दिया है वह शरीयत की रोशनी में सोच समझकर फतवा दिया है। इसलिए उसको हमें मानना चाहिए। दरअसल, दारूल उलूम जो बात करता है वह तमाम चीजों को सामने रखकर करता है। सीसीटीवी कैमरे लगवाना बिना जरूरत इफरा और तफरीद करना जायज नहीं है। फिजूलखर्ची करना शरियत में मना है।