मुंब्रा: कौसा रशीद कंपाऊड नसीम अपार्टमेंट बी विंग इमारत के तल मंजिले पर स्थित केजीएन छोटा मनिष नामक मोबाइल की दुकान पर आए दिन ग्राहकों का झगड़ा लगा रहता है, क्योंकि इस मोबाइल की दुकान पर मोबाइल बनाने के वजय खराब करने का काम किया जाता है, इस तरह का आरोप वरिष्ठ समाज सेवक रियाज खान ने लगाया है, उनका कहना है कि दुकान का नाम तो केजीएन "छोटा मनिष" रखा गया है, लेकिन मोबाइल बनाने के वजय मोबाइल को खराब करने का काम किया जाता है। रियाज खान ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे मोबाइल का स्पीकर माइक सही नहीं चल रहा था, तो उसे इस दुकान पर लेकर गया, लेकिन बनाने के वजय उसे खराब करके मेरे हाथ मे यह कह कर पकड़ा दिया गया कि नहीं बनेंगा कहीं और दिखा दो, खान ने कहा कि इस छोटा मनिष की दुकान पर मोबाइल लेकर गया तो सबसे पहले तीन सौ रूपये कैस ले लिया गया और थोड़ी देर बाद बनाने का दावा करके वापस कर दिया, लेकिन कुछ समय बाद फिर वही दिक्कत आने लगी तो मैं छोटा मनिष की दुकान पर फिर गया और दुकान चलाने वालों को कहा कि अगर नहीं बन रहा है तो हमारे पैसे वापस दे दो और अपना स्पीकर माइक निकाल लो, लेकिन उसी समय पता चला कि स्पीकर माइक नया नहीं था, बल्कि वही मेरा पुराना स्पीकर माइक निकाल कर फिर लगा कर तीन सौ ले लिया गया। रियाज खान ने कहा कि मैं इसकी शिकायत मुंब्रा पुलिस मे की है, साथ ही उनका कहना है कि इस तरह सिर्फ मेरे साथ ही नहीं बल्कि हर ग्राहक के साथ किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस केजीएन छोटा मनिष मोबाइल की दुकान पर कोई कारीगर नही है, दुकान पर बैठे युवक ही मोबाइल की खोल फिटिंग कर बनाने के वजय खराब करके ग्राहकों को पकड़ा देते है, साथ ही उनसे पैसे भी ऐठ लेते है और कुछ कहने पर गाली गलौज और मारपीट पर उतारू हो जाते है, छोटा मनिष मोबाइल की दुकान चलाने वालों को जरा भी तहजीब नहीं है कि बड़े- बुढ़ो और महिलाओं से किस तरह से बात की जाती है, यह लोग हर किसी को एक ही लकड़ी से हांकते कोशिश करते है, उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि जांच कर मुंब्रा कौसा की ऐसी सभी मोबाइल की दुकानों पर कार्रवाई की जाय जिनके पास मोबाइल बनाने का किसी तरह का प्रमाणपत्र न हो, क्योंकि ऐसे नव सिखिए लोग मोबाइल बनाने के वजय खराब करने का काम किया करते है बाद मे गाली गलौज और मारामारी पर उतारू हो जाते है। वहीं पप्पू भाई नामक एक मोबाइल ग्राहक ने कहा कि इस छोटा मनिष मोबाइल की दुकान पर जो एक बार आता है उसे यहां बार-बार आना पड़ता है, मै खुद अभी तक दस बार आ चुका हूँ लेकिन मेरा मोबाइल अब तक नहीं बना, क्योंकि यहां पर थूंक लगाने का काम किया जाता है, दुसरी मोबाइल की दुकानों पर तो थूंक भी ढंग से लगाते है, लेकिन यहां पर उससे भी गया गुजरा रहता है, एक बार जो यहां मोबाइल देकर फंस गया उसे अपना वह मोबाइल फेंक कर दुसरा मोबाइल खरिदना पड़ता है। इस सबंध मे पूछने पर छोटा मनिष मोबाइल दुकान चालक के पिता मगबूल भाई ने कहा कोई कारीगर नहीं है इसलिए यह सब शिकायतें आ रही है.।